Motibhai Devu
भारत में ब्रिटिश काल के दौरान अलग-अलग क्षेत्रों में शैक्षणिक व्यवस्था की गई
थी। उस समय विविध एजेंसियों द्वारा मुख्यालय स्तर पर शैक्षणिक
संस्थाएं शुरू की गई थी। महिकांठा एजेंसी द्वारा उसकी स्थापना करके सादरा में
प्रशासनिक दृष्टि से कुछ परिवर्तन किए गए और सन् 1840 से गुजराती
प्राथमिक विद्यालय की शुरुआत की गई, क्रमशः सरकारी विद्यालय, एंग्लो वर्नाक्यूलर
विद्यालय, तालुकेदारी विद्यालय, कन्या शाला, राजकुमारों के लिए तालुकेदारों के
बच्चों के लिए स्कॉट कॉलेज की शुरुआत की गई थी। सादरा में महिकांठा एजेंसी के समय
दरम्यान विविध चरणों में विद्यालयों की स्थापना की गई। इसका लाभ सादरा तथा उसके
आसपास के विस्तार के लोगों को मिला। महिकांठा एजेंसी के समय दौरान सादरा में
शैक्षणिक कार्य में उत्तरोत्तर प्रगति हुई, नहाना लाल जैसे कवि
ने सादरा में हेड मास्टर के रूप में कार्य किया। ऐसे कई प्रसिद्ध व्यक्तियों ने
सादरा में शैक्षणिक कार्य किया और सादरा
की शैक्षणिक प्रगति में योगदान दिया। फोर्ब्स ने पोलिटिकल एजेंट के रूप में कार्य
करते हुए सादरा में फोर्ब्स विद्यालय भी खोला। तालुकेदारी शाला, कॉलेज आदि से
संबंधित रुचिकर चर्चा इस संशोधन पत्र में की गई है।
शिक्षा, सादरा, कॉलेज, शाला, महिकांठा एजेंसी, राजकुमार
VOL.16, ISSUE No.2, June 2024